गणपती देव बडा बलवान

सुण्ड सुण्डाला दुण्ड दुण्डाला मस्तक मोटा कान 


गणपती देव बडा बलवान ।।धृ।।



जो गणपति को प्रथम मनाता, 


उसका सारा दुःख मिट जाता । 


रिद्धी - सिद्धी सुख सम्पति पातां, 


भवसे बेडा पार उतरता । 


मेरी नैय्या पार लगाओ, 


तेरा लगाऊ ध्यान ।।१।।




गणपती देव बडा बलवान....



पारबति के पुत्र हो प्यारे, 


सारे जग के तुम रखवारे । 


भोलेनाथ है पिता तुम्हारे, 


सुर्य चंद्रमा मस्तक धारे । 


मेरा सारा दुःख मिट जावे, 


देवो यही वरदान ।।२।।



गणपती देव बडा बलवान...



रिद्धी-सिद्धी तेरे संग सोहे, 


मूंष सवारी मन को मोहे । 


तेरी दया जिसपर हो जावे, 


उसका दुख-सुख मे मिल जावे । 


माला जपू मै तेरी गणपती, 


करु तेरा गुणगान ।।३।।



गणपती देव बडा बलवान...



अन्न धन प्रभु बरकत तुम हो, 


विद्या में तुम बडे निपुण हो । 


प्रथम सभी में तुम ही बने हो, 


नाम गजानंद पाही गये हो । 


दूर करो प्रभू कष्ट हमारे, 


देव दया के निधान ।।४।।



गणपती देव बडा बलवान...

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